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Pharma IPOs in August: इस महीने मुनाफा कमाने के लिए तैयार हो जाएं निवेशक, पांच फार्मा कंपनियों के आएंगे 8 हजार करोड़ के आईपीओ

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Pharma IPOs in August: हेल्थकेयर सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. अब ऐसे समय में पांच फार्मा कंपनियां अगले कुछ हफ्तों में आईपीओ ला रही हैं.

Pharma IPOs in August: हेल्थकेयर सेक्टर में निवेशकों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है. अब ऐसे समय में पांच फार्मा कंपनियां अगले कुछ हफ्तों में आईपीओ ला रही हैं. आईपीओ के जरिए 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक के फंड जुटाने की योजना है. इनमें बेन कैपिटल की एमक्यूोर फार्मा का 4 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ, विजया डायग्नोस्टिक सेंटर का 1500 करोड़ रुपये का आईपीओ और डायग्नोस्टिक फर्म Krsnaa Diagnostics का 1200 करोड़ रुपये का आईपीओ और मुंबई की थोक में दवा बनाने वाली सुप्रिया लाइफ साइंसेज का 1200 करोड़ रुपये का आईपीओ और फार्मा फार्मूलेशंस कांट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्यूफैक्चरर (सीडीएमओ) विंडलास बॉयोटेक का 400 करोड़ रुपये का इशू शामिल है. इंवेस्टमेंटर्स बैंकर्स का अनुमान है कि ये पांच कंपनियां इस महीने आईपीओ के जरिए 8300 करोड़ रुपये जुटा सकती है.

चालू वित्त वर्ष में निवेशक आईपीओ को लेकर कितने उत्साहित हैं, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि तत्व चिंतन फार्मा, रोलेक्स रिंग्स, जीआर इंफ्राप्रोजेक्ट्स, क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी, श्याम मैटलिक्स एंड एनर्जी, इंडिया पेस्टीसाइड्स, डोडला डेयरी, ग्लेनमार्क लाइफ साइंसेज और जोमैटो के इशू 29-180 गुना तक ओवरसब्सक्राइब हुए थे.

महामारी के बाद से ही फार्मा स्टॉक्स में तेजी

पिछले साल कोरोना महामारी के बाद से फार्मा स्टॉक्स अधिक लाइमलाइट में आए हैं और बीएसई हेल्थकेयर इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए. फार्मा कंपनियों को एपीआई मार्केट में तेजी और चीन प्लस वन स्ट्रेटजी से फायदा मिल रहा है. ‘चीन प्लस वन स्ट्रेटजी’ का मतलब है कि चीन के अलावा किसी अन्य देश में निवेश पर फोकस, इससे भारत को फायदा हो रहा है. इस महीने जिन फार्मा कंपनियों के आईपीओ आने वाले हैं, उसमें से कुछ तो कांट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में अपनी क्षमता, दवा खोजने के नए तरीकों और दवाइयों की बढ़ती बिक्री के चलते ग्रोथ की अधिक संभावनाए हैं. इसके अलावा आरएंडडी पर फोकस से भी तेजी की संभावनाएं हैं.

अग्रणी सीडीएमओ में शुमार विंडलास बॉयोटेक का मुख्य फोकस क्रोनिक थेरेपिटिक सेग्मेंट पर है और इसके फाइजर, सनोफी, कैडिला, जाइडस हेल्थकेयर, एमक्योर फार्मा, एरिस लाइफसाइंसज और इनटास फार्मा जैसी कंपनियों के साथ लांग-टर्म रिलेशनशिप हैं. इसका आईपीओ 4 अगस्त को आएगा. यह पहली फार्मा फार्म्यूलेशंस सीडीएमओ है जो पब्लिक होने जा रही है. आईपीओ के जरिए जुटाए गए फंड का इस्तेमाल देहरादून प्लांट्स 2 और4 की क्षमता बढ़ाने में किया जाएगा.

Krsnaa Diagnostics ने इंस्टीट्यूशनल इंवेस्टर्स की हाई डिमांड को देखते हुए आईपीओ को एक हफ्ते पहले ही लांच कर रही है और इसका इशू अगले कुछ दिनों में सब्सक्रिप्शन के लिए खुल जाएगा.

  • सुप्रिया लाइफसाइंसेज ने 1200 करोड़ जुटाने के लिए पेपर्स जमा किए हैं. इस फंड का इस्तेमाल विस्तार और कर्ज चुकता करने में किया जाएगा. मुंबई स्थित यह थोक दवा कंपनी 200 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयर इशू करेगी और 1 हजार करोड़ रुपये प्रमोटर सतीश वामन वाघ द्वारा ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) के तहत इशू किए जाएंगे.
  • बेन कैपिटल के निवेश वाली एमक्योर फार्मा एक जेनेरेकि ड्रग बनाने वाला फार्मा कंपनी है. यह 4 हजार करोड़ रुपये का आईपीओ लाने वाली है जिसमें नए शेयर्स और प्रमोटर सतीश मेहता व निवेशक बेन कैपिटल द्वारा ओएफएस के तहत शेयर जारी किए जाएंगे.

चालू वित्त वर्ष में अभी 70 हजार करोड़ के आएंगे IPO

स्टॉक एक्सचेंजों पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक इस वित्त वर्ष 2021-22 में अब तक 12 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 27,052 करोड़ रुपये जुटाए हैं. जानकारी के मुताबिक अभी इस वित्त वर्ष में पेटीएम, मोबीक्विक, पॉलिसीबाजार, कारट्रेड, दिल्लीवेरी और न्याका समेत करीब 40 इशू के जरिए 70 हजार करोड़ जुटाए जाने की योजना है. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में 30 आईपीओ के जरिए 31277 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019-20 में 12 कंपनियों के आईपीओ के जरिए 20,352 करोड़ रुपये ही जुटाए गए थे.

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