EDUCATION

21 सितंबर से इन शर्तों पर खुल रहे स्कूल, छात्रों और स्टाफ के लिए गाइडलाइन जारी

नई दिल्लीः स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 सितंबर से स्कूल खोलने को लेकर एसओपी (Standard Operating Procedure) जारी किया है. 9वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स को टीचर्स से गाइडेंस लेने के लिए स्कूल जाने की अनुमति होगी जो पूरी तरह स्वैक्षिक होगा. जिसके लिए पैरेन्ट्स/गार्जियन की लिखित सहमति जरूरी होगी. कंटेनमेंट जोन के बाहर के ही स्कूलों को खोलने की अनुमति होगी. इसके अलावा कंटेनमेंट जोन में रहने वाले स्टूडेंट्स, टीचर्स, स्कूल स्टाफ को स्कूल आने की अनुमति नही होगी.

सिर्फ वही स्कूल खुल पाएंगे जो कंटेनमेंट जोन में नहीं हैं. स्कूल में गतिविधियों को फिर से शुरू करने से पहले, सभी कार्य क्षेत्र, क्लास रूम लैबोरेट्री, टीचिंग एरिया, कॉमन यूटिलिटी एरिया आदि को 1 फीसदी सोडियम हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से सैनेटाइज करना होगा. स्कूलों में छात्रों और टीचर्स के बीच में 6 फीट से ज्यादा की दूरी सुनिश्चित करने के लिए सिटिंग अरेंजमेंट उसी तरह से किए जाएं. जिन स्कूलों को क्वारंटाइन सेंटर के रूप में इस्तेमाल किया गया था, उन्हें आंशिक रूप से फिर से शुरू करने से पहले ठीक से साफ और डीप सेनेटाइज किया जाएगा

50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ होगा
स्कूल में सिर्फ 50 फीसदी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को इस दौरान बुलाया जाएगा. स्कूल में बायोमेट्रिक अटेडेंस के बजाय कॉन्टैक्ट लेस अटेंडेंस के लिए वैकल्पिक व्यवस्था स्कूल प्रशासन द्वारा बनाई जाएगी. हर समय, शिक्षक और छात्र, जहां भी संभव हो, 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखेंगे. गतिविधियों और बैठने की योजना भी इसी के अनुसार हो. साबुन की व्यवस्था के साथ-साथ हाथ धोने की सुविधा सुनिश्चित करनी होगी. असेंबलियों, खेल और इवेंट जिनमें भीड़भाड़ हो वो निषिद्ध हैं. किसी भी आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए राज्य के हेल्पलाइन नंबर हर जगह लिखे हों.

बंद रहेगी कैंटीन और स्विमिंग पूल
सभी एयर कंडीशनिंग उपकरणों की तापमान सेटिंग 24-30 डिग्री सेल्सियस की सीमा में होनी चाहिए. जिम्नेजियम पर पहले से दी गई दिशा निर्देश का पालन करना होगा. वहीं इस दौरान स्कूल की कैटीन, कैफेटेरिया और मैस जैसी सुविधा बंद रहेंगी. स्विमिंग पूल बंद रहेंगे. जो कर्मचारी हाई रिस्क में हैं यानी बुजुर्ग कर्मचारी, गर्भवती कर्मचारी और किसी मेडिकल कंडीशन वाले कर्मचारी
अतिरिक्त सावधानी बरतने चाहिए. उन्हें कोई फ्रंटलाइन काम ना दिया जाए. 

अलग-अलग गेट से होगी एंट्री और एग्जिट
स्कूल एंट्री और एग्जिट के लिए गेट्स अलग-अलग होनी चाहिए. वहीं स्कूल में दाखिल होते समय गेट पर थर्मल स्कैनिंग और हैंड सेनेटाइजर की व्यवस्था होनी चाहिए. जिन्हें किसी भी तरह का लक्षण नहीं है सिर्फ वही छात्र और टीचर स्कूल के अंदर जा सकेंगे. वहीं क्राउड मैनेजमेंट के लिए अलग से व्यवस्था की जानी चाहिए. स्कूल में टीचर्स यह सुनिश्चित करें कि छात्र पेंसिल, पेन, किताब, टिफिन, पानी की बोतल जैसी चीजों को शेयर ना करें. साथ यह भी सुनिश्चित करें कि छात्रा और टीचर दोनों हर समय मास्क लगाए रखें.

बीमार स्टूजडेंट्स के लिए बनेगा आइसोलेशन रूम 
अगर कोई छात्र या शिक्षक बीमार है तो वह स्कूल ना आए. स्कूल में एक अलग से आइसोलेशन रूम भी बनाया जाना चाहिए ताकि अगर कोई बीमार है तो स्वास्थ्य सुविधाएं आने तक वह उस रूम में रह सके. अगर कोई छात्र बीमार पड़ता है तो माता-पिता के साथ लोकल हेल्थ अथॉरिटी को भी बताना होगा. स्कूल में जगह-जगह डस्टबिन की व्यवस्था करनी होगी ताकि जिस में इस्तेमाल किए गए मास्क को फेंका जा सके. स्कूल में हर समय सफाई और सैनेटाइजेशन का काम होना चाहिए.

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