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PM आवास: लाभार्थी के खाते में कैसे ट्रांसफर होती है सब्सिडी? EWS/LIG/MIG घर खरीदने पर 2.67 लाख तक छूट

PMAY: प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य देश में कमजोर आय वर्ग वालों को भी शहरी या ग्रामीण इलाकों में घर उपलब्ध कराना है. इस प्रमुख योजना के अंतर्गत पहली बार घर खरीदने वालों को CLSS या क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है. यानी EWS/LIG/MIG कटेगिरी में घर खरीदने के लिए होम लोन पर ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है. यह सब्सिडी अधिकतम 2.67 लाख रुपये तक हो सकती है. लेकिन बहुत से लोगों को यह पता नहीं होता है कि लोन लेने पर सब्सिडी की रकम उनके खाते में कैसे ट्रांसफर होती है.

कैसे ट्रांसफर होती है सब्सिडी?

पीएम आवास योजना के तहत लोन लेने वालों को सबसे पहले पूरा लोन बैंक (प्राइमरी लेंडिंग इंस्टीट्यूट) से लेना होता है. बैंक द्वारा बेनेफिशियरी के खाते में ​जो रकम डिस्बर्स की जाती है, उसके आधार पर सेंट्रल नोडल एजेंसी सब्सिडी की रकम बैंक को ट्रांसफर करती है. इसके बाद प्राइमरी लेंडिंग इंस्टीट्यूट द्वारा प्रिंसिपल अमाउंट डिडक्ट करने के बाद सब्सिडी की रकम लाभार्थी के खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है. उसके बाद बैंक के पास बचे प्रिंसिपल अमाउंट के आधार पर ही हर महीने की ईएमआई बनती है, जो लाभार्थी को चुकानी होती है.

उदाहरण: यहां इसे उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लिया कि आपने पीएम आवास योजना के तहत 6 लाख रुपये तक का लोन लिया है. यहां 6 लाख रुपये के लोन पर 6.5 फीसदी की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी मिलेगी. 6.5 फीसदी सब्सिडी के हिसाब से आपका ब्याज सब्सिडी के बाद एनपीवी 2,67,000 रुपये हो जायेगा. इस हिसाब से आपका PMAY लोन वास्तव में 6 लाख रुपये की जगह 3.33 लाख रुपये हो जाता है. इसी 3.3 लाख रुपये पर आपको ईएमआई देनी होगी.

PMAY: किसे कितनी मिल सकती है सब्सिडी

स्कीम के तहत 4 कटेगिरी हैं.
3 लाख से 6 लाख सालाना आय वाले इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS) और लोअर इनकम ग्रुप (LIG)
6 लाख से 12 लाख सालाना आय वाले मिडिल इनकम ग्रुप 1 (MIG1)
12 लाख से 18 लाख सालाना आय वाले मिडिल इनकम ग्रुप 2 (MIG2).

अगर आपकी आय 6 लाख रुपये तक सालाना है तो 6 लाख रुपये के लोन पर 6.5 फीसदी की क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी मिलेगी.
12 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वालों को 9 लाख रुपये तक के लोन पर 4 फीसदी ब्याज सब्सिडी मिलेगी.
18 लाख रुपये तक की सालाना कमाई वालों को 12 लाख रुपये तक के लोन पर 3 फीसदी ब्याज सब्सिडी मिलेगी

किस आधार पर तैयार होती है लिस्ट

सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लाभ लेने वालों की पहचान करने के लिए सोशियो इकोनॉमिक कास्ट सेंसश 2011 यानी सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना 2011 पर ध्यान देती है. इसके अलावा, सरकार फाइनल लिस्ट का निर्णय लेने के लिए तहसील और पंचायतों को शामिल करती है.

योजना के तहत किसे मिलेगा फायदा

  • एप्लीकेंट या उसके परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर भारत में कहीं भी कोई पक्का घर नहीं होना चाहिए.
  • परिवार के किसी भी सदस्य ने पहले सरकार द्वारा शुरू की गई किसी भी हाउसिंग स्कीम का लाभ न लिया हो.
  • मैरिड कपल हैं तो सिंगल और ज्वॉइंट स्वामित्व दोनों की अनुमति है. लेकिन दोनों विकल्पों के लिए 1 सब्सिडी ही मिलेगी.
  • इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन (EWS), लोअर इनकम ग्रुप (LIG) और मिडिल इनकम ग्रुप CLSS के लिए पात्र हैं.
  • इस स्कीम के अंतर्गत लाभार्थियों को केवल एक नई रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने या निर्माण करने की अनुमति है.
  • आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग
  • महिलाएं (किसी भी जाति या धर्म की)
  • अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
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