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पीएफ का पैसा निकालने के होते हैं कई नुकसान, जानिए क्या है EPFO का नियम

नई दिल्ली. प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) ऐसी रकम है जो आमतौर पर रिटायरमेंट के बाद मिलती है. आपके प्रोविडेंट फंड में जमा राशि पर 8.5 फीसदी का इंट्रेस्ट रेट मिलता है. हालांकि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees’ Provident Fund Organisation) रिटायरमेंट के पहले शादी, मेडिकल इमरजेंसी, शिक्षा आदि के लिए प्रोविडेंट फंड का कुछ हिस्सा निकालने की अनुमति देता है.

रिटायरमेंट के टाइम भारी नुकसान
अगर आप प्रोविडेंट फंड से पैसे निकालते हैं तो रिटायरमेंट के टाइम आपको लंबा नुकसान झेलना पड़ेगा. लिहाजा कोशिश यही करें कि नौकरी के दौरान पीएफ से पैसा न निकालना पड़े. हालांकि कुछ जरूरी खर्च के लिए आप रिटायरमेंट से पहले भी इस फंड से कुछ हिस्सा निकाल सकते हैं. लेकिन पैसा निकालने से नुकसान होता है. इसी तरह कुछ लोग नौकरी बदलने पर पीएफ का पैसा निकाल लेते हैं. लेकिन ऐसा करने से अपने रिटायरमेंट के टाइम भारी नुकसान झेलना होता है. रिटायरमेंट के बाद फंड में कमी आ जाती है, जिससे पेंशन पर भी इसका असर पड़ता है. अगर आप रिटायरमेंट के बाद भी फंड नहीं निकालते हैं तो 3 साल तक इसमें इंट्रेस्ट मिलता है.

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए EPF पर मिलने वाला ब्याज हुआ तय
हाल ही में ईपीएफओ की बैठक में वित्त वर्ष 2019-20 के लिए ब्याज दरों पर फैसला हुआ था. कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) पर वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 फीसदी ब्याज तय किया गया है. लेकिन EPFO की तरफ से सिर्फ 8.15% ब्याज दिया जाएगा. बाकी का 0.35 फीसदी ब्याज दिसंबर महीने में दिया जाएगा. ईपीएफओ के केंद्रीय न्यासी मंडल ने पांच मार्च की बैठक में ईपीएफ पर 2019-20 के लिए ब्याज दर 8.50 प्रतिशत रखने की सिफारिश की थी जो पहले से 0.15 प्रतिशत कम है. न्यासी मंडल के अध्यक्ष श्रम मंत्री संतोष गंगवार हैं. ईपीएफ की यह प्रस्तावित दर 7 साल की न्यूनतम दर है.

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