नई दिल्ली. कोरोनावायरस (Coronavirus) के कारण देशभर के करोड़ों लोग अपने काम-धंधे और नौकरी से हाथ धो बैठे. सुरक्षा के मद्देनजर लगे लॉकडाउन की वजह से निजी और मल्टीनेशनल कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी अभी भी जारी है. जिससे हाई-प्रोफाइल बिजनेस पर्सन भी रातों-रात सड़क पर आए गए हैं. इस कारण कईयों की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई और उनके लिए एक वक्त की रोटी का इंतजाम करना भी मुश्किल हो गया. इनमें से एक हैं मल्टीनेशनल कंपनी से नौकरी गंवा बैठे इंजीनियर चिंतामणी.
बेहद मार्मिक है इंजीनियर चिंतामणी की कहानी
चिंतामणी की बात करें तो इनकी जिंदगी खुशियों से भरी हुई थी, कंपनी में काम करने के दौरान चिंतामणी ने पूंजी बाजार, म्यूचुअल फंड्स और एफडी में अपनी कमाई निवेश की हुई थी. साथ ही 30 लाख रुपये की डाउन पेमेंट पर एक घर भी खरीदा था और 40 हजार रुपये महीना किस्त भी दे रहे थे. लेकिन चिंतामणी जिस कंपनी में पिछले 12 साल से लगातार काम कर रहे थे उसने एक पल में ही उन्हें नौकरी से निकाल दिया. चिंतामणी को इस बात का बड़ा धक्का लगा और वह रातों-रात सड़क पर आ गए. नई नौकरी की तलाश में घर से बाहर निकले चिंतामणी कोरोना के शिकार हो गए और कोई मेडिकल पॉलिसी ने होने के चलते इलाज में वह अपनी सारी जमा पूंजी गंवा बैठे. चिंतामणी के इलाज में तकरीबन 12 लाख रुपये का खर्चा आया, लेकिन इतनी जमा पूंजी होने के बाद भी चिंतामणी को आर्थिक संकट से जूझना पड़ा. ऐसे में एक्सपर्ट से जानेंगे कि कोविड-19 के जंजाल में नौकरी गंवाने वाले कैसे अपनी वित्त संबंधी योजना बनाकर इस दुविधा पर पार पाए.
वित्तीय संकट से बाहर निकलने का रास्ता
1. एक्सपर्ट के मुताबिक, हमेशा एक स्वसंपूर्ण स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी लें। निम्नलिखित दो कारणों से अपनी कंपनी पर कभी निर्भर न रहें. पहली वो जब ऐसी स्थिति में आप अपनी नौकरी खो देते हैं और दूसरा रिटायर होने की स्थिति में, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद किसी नई पॉलिसी का लाभ उठाना मुश्किल होता है. क्योंकि बीमा कंपनी रिटायरमेंट प्लान पर कई अवांछनीय शर्तें लागू करती है.
2. एक्सपर्ट के मुताबिक, मुश्किलें कभी बताकर नहीं आती हैं, इसलिए जरुरी है कि एक आपातकालीन कोष (Emergency Fund) बनाएं. कोविड-19 की वजह से चिंतामणी को इलाज के लिए अपना घर तक बेचने की नौबत आ गई थी. भाग्यवश चिंतामणी को नई नौकरी मिल गई और उन्होंने फिर से अपनी वित्त संबंधी योजना बनाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। चिंतामणी को उनके दोस्त और वित्तीय सलाहकार ने उन्हें आपातकालीन फंड के बारे में बताया.
क्या है आपातकालीन फंड?
आपातकालीन फंड उस राशि को कहा जाता है जब कोई व्यक्ति भविष्य में होने वाली आपात स्थिति और अनियोजित खर्चों के लिए उसे अलग से जमा करता है. आपातकालीन फंड के लिए कितनी राशि पर्याप्त एक्सपर्ट बताते हैं कि सबसे पहले, यह सोचें कि आपातकालीन फंड को कहां जमा करें. एक्सपर्ट के मुताबिक, आपातकालीन फंड को कभी भी अपने बचत खाते (Saving Account) में न रखें, अन्यथा आप इसे फालतू चीजों पर खर्च कर देंगे. आपको इसे लिक्विड फंड (म्यूचुअल फंड जैसे निवेशिक प्लेटफॉर्म) में निवेश करने की जरुरत है या इनकी एफडी बनवा लीजिए. कोरोनाकाल में नौकरी गंवाने के बाद चिंतामणी ने सबक लेते हुए अपना आपातकालीन कोष बनाना शुरू कर दिया है। उन्होंने अपने दोस्त की सलाहनुसार, उन चीजों की एक सूची बनाई जो वह इस फंड के साथ रख सकते थे.
>> नौकरी के नुकसान के मामले में घरेलू खर्च.
>> टैक्स बचत निवेश (1.5 लाख रुपये जो वह हर साल टैक्स बचाने के लिए निवेश करता है).
>> आयकर रिटर्न दाखिल करते समय करों का भुगतान.
>> जीवन, स्वास्थ्य और वाहन सहित बीमा प्रीमियम का भुगतान करना.
>> शेयर बाजार में निवेश के अवसर.
>> अनियोजित लक्जरी खर्च जैसे छुट्टियां, फर्नीचर, नवीकरण, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, आदि.