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टैक्‍सपेयर्स के लिए सरकार का बड़ा फैसला! अब 31 मार्च 2021 तक निपटा सकते हैं टैक्‍स से जुड़े मामले

नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने टैक्स से जुड़े (Income Tax Case) सभी मामलों को जल्द निपटाने के लिए शुरू की गई खास स्कीम ‘विवाद से विश्वास’ (Vivad se Vishwas Scheme) की अवधि एकबार फिर बढ़ा दी है. अब टैक्‍सपेयर्स अपने फंसे टैक्‍स के मामलों को 31 मार्च 2021 तक निपटा सकते हैं. आसान शब्‍दों में समझें तो वित्त मंत्रालय ने टैक्‍स विवाद से जुड़े मामलों को निपटाने के लिए 3 महीने की अतिरिक्‍त मोहलत दे दी है. बता दें कि इस समय देश में डायरेक्‍ट टैक्‍स (Direct Tax) से जुड़े 9.32 लाख करोड़ रुपये के 4.83 लाख मामले लंबित हैं.

केवल विवादित टैक्‍स राशि करना होगा भुगतान
विवाद से विश्‍वास स्कीम के तहत टैक्‍सपेयर्स कोई भी अतिरिक्त शुल्क दिए बिना अपने पुराने टैक्स विवाद का निपटारा कर सकते हैं. दरअसल, केंद्र सरकार ने टैक्स से जुड़े सभी मामलों को जल्द निपटाने के लिए इस स्कीम की शुरुआत की थी. स्कीम के तहत करदाताओं को केवल विवादित टैक्स राशि का भुगतान करना होगा. उन्‍हें ब्याज और जुर्माने पर पूरी छूट मिलेगी. जिन मामलों में केवल ब्याज या जुर्माना बनता है, वहां विवादित ब्याज या जुर्माने का 25 फीसदी 31 मार्च तक भुगतान करना था. उसके बाद यह राशि बढ़कर 30 फीसदी हो गई है.

कौन उठा सकता है इस स्‍कीम का फायदा

बिल के अनुसार, 31 जनवरी 2020 तक जो मामले कमिश्‍नर (अपील), इनकम टैक्‍स अपीलीय ट्रिब्‍यूनल, हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में लंबित थे, उन टैक्‍स के मामलों पर यह स्‍कीम लागू होगी. लंबित अपील टैक्‍स विवाद, पेनाल्‍टी या ब्‍याज से जुड़ी हो सकती है. एसेसमेंट या रीएसेसमेंट से भी इसका नाता हो सकता है.

ऐसे काम करती है विवाद से विश्‍वास स्‍कीम
स्‍कीम के तहत प्राधिकृत अधिकारी 15 दिन के भीतर उस देय राशि को तय करेगा जो करदाता अपने डेक्‍लरेशन में बताएगा. इसके बाद करदाता को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसमें निर्धारण के बाद टैक्‍स एरियर या देय रकम बताई जाएगी. निर्धारण के बाद बनी रकम को करदाता को अदा करना होगा. यह काम सर्टिफिकेट मिलने के 15 दिन के अंदर करना है. ऐसा करके उसे प्राधिकृत अधिकारी को जानकारी देनी है. इसके बाद प्राधिकृत अधिकारी आदेश पारित करेगा, जिसमें वह बताएगा कि करदाता ने राशि जमा कर दी है.

ये लोग नहीं ले सकते हैं स्‍कीम का फायदा
स्‍कीम का फायदा उन बकाया टैक्‍स मामलों में नहीं लिया जा सकेगा जो नीचे बताए गए मामलों से जुड़े हैं…

>> एसेसमेंट वर्ष के संबंध में जिसमें सेक्‍शन 153ए या सेक्‍शन 153सी के तहत एसेसमेंट किया गया है.

>> एसेसमेंट वर्ष के संबंध में जहां डेक्‍लेरेशन फाइल करने से पहले साबित हो चुका है कि देनदारी वाजिब है.

>> देश के बाहर से किसी स्रोत से इनकम हुई है और उसे छुपाया गया है.

>> सेक्‍शन 90 या सेक्‍शन 90 से जुड़े मामलो में भी स्‍कीम का फायदा नहीं लिया जा सकेगा.

>> जिनके खिलाफ विभिन्‍न प्रावधानों के तहत डेक्‍लेशन फाइल करने से पहले हिरासत का आदेश पारित हो गया है.

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