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America: बड़ी संख्या में कोरोना वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं फ्रंट लाइन वर्कर्स, चौंकाने वाले हैं आंकड़े

भारत में सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली गई है और सरकार ने कहा है कि वैक्सीन पहले हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी.

वॉशिंगटन: ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने रविवार को सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी. भारत सरकार ने कहा है कि वैक्सीन सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को दी जाएगी. इस बीच अमेरिका से चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है, जहां बड़ी संख्या में हेल्थ और फ्रंट लाइन वर्कर वैक्सीन लेने से इनकार कर रहे हैं.

29 प्रतिशत हेल्थ वर्कर ने किया इनकार

कैसर फैमिली फाउंडेशन (Kaiser Family Foundation) द्वारा हाल ही में किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 29 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मी (Healthcare Workers) टीका लेने में हिचकिचा रहे थे. सर्वे में पता चला है कि स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से होने वाले साइड इफेक्ट के कारण चिंतित थे और साथ ही उन्हें सरकार द्वारा वैक्सीन को सुरक्षित बताने के दावों पर विश्वास नहीं था.

ब्लैक अमेरिकियों को ज्यादा डर

पत्रिका ‘द लैंसेट ऑन द समर’ द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वैक्सीन को लेकर ब्लैक अमेरिकी लोगों (Black Americans) में ज्यादा डर था और सर्वे में शामिल सिर्फ 43 फीसदी ब्लैक अमेरिकियों ने कहा कि वह वैक्सीन जरूर लगवाएंगे.

चौंकाने वाले हैं ये आंकड़ें

इस सप्ताह की शुरुआत में, ओहियो के गवर्नर माइक डेविन (Mike DeWine) ने कहा था कि वह काफी परेशान हैं, क्योंकि जिन नर्सिंग स्टाफ को वैक्सीन के लिए चुना गया था, उनमें से वैक्सीन लेने वालों की संख्या काफी कम है. उन्होंने कहा था कि लगभग 60 प्रतिशत नर्सिंग स्टाफ ने वैक्सीन शॉट को मना कर दिया. इसके साथ ही फायरफाइटर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दावा किया है कि न्यूयॉर्क के अग्निशमन विभाग के 55 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि वह वैक्सीन नहीं लेना चाहते हैं.

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