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Union Budget 2021 for Income Tax: बुजुर्गों को इनकम टैक्स फाइलिंग से राहत, होम लोन लेने वालों को भी मिला तोहफा

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Union Budget 2021 for Income Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को बजट 2021 लोकसभा में पेश करने वाली हैं.

Union Budget 2021 for Income Tax: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सोमवार को बजट 2021 लोकसभा में पेश कर दिया है. टैक्सपेयर्स के मामले में इस बार के बजट में दो बड़े एलान हुए हैं. पहला एलान यह हुआ है कि 75 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे बुजुर्ग ​(Senior) जो केवल पेंशन और जमा से होने वाली ब्याज आय पर निर्भर हैं, उन्हें इनकम टैक्स फाइलिंग से राहत दी जाएगी.

वहीं दूसरा बड़ा एलान होम लोन लेने वालों के लिए रहा. सस्ते मकान की खरीद के लिए होम लोन के ब्याज पर 1.5 लाख रुपये तक के अतिरिक्त टैक्स डिडक्शन को और एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है. यानी अब करदाता इस अतिरिक्त डिडक्शन का लाभ 31 मार्च 2022 तक ले सकेंगे.

बता दें कि सरकार ने बजट 2019 में होम लोन के ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती के लिए प्रावधान किया था. इसके लिए आयकर कानून में नया सेक्शन 80EEA जोड़ा गया था. हालांकि इसका फायदा केवल वही लोग ले सकते थे, जिन्होंने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच लोन लिया हो. बजट 2020 में इस डेडलाइन को एक साल के लिए बढ़ाया गया. अब बजट 2021 में एक बार फिर इस राहत को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया है. होम लोन के ब्याज पेमेंट पर पहले से सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है. वहीं प्रिंसिपल अमाउंट पर सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.

टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं

बजट 2021 में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. परंपरागत आयकर स्लैब इस तरह है-

बजट 2020 की घोषणाएं

बजट 2020 में वैकल्पिक आयकर स्लैब्स की घोषणा की गई. अब करदाताओं को पुराना परंपरागत इनकम टैक्स स्लैब और नया वैकल्पिक टैक्स स्लैब दोनों उपलब्ध हैं. वैकल्पिक टैक्स स्लैब इस तरह है-

याद रखें कि वैकल्पिक टैक्स स्लैब अपनाने वाले आयकरदाता कुछ डिडक्शंस और एग्जेंप्शन का फायदा नहीं ले पाएंगे.

सस्ते मकान की खरीद के लिए 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती को एक साल बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया. सरकार ने बजट 2019 में होम लोन के ब्याज पेमेंट पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कटौती के लिए प्रावधान किया था. इसके लिए आयकर कानून में नया सेक्शन 80EEA जोड़ा गया था. हालांकि इसका फायदा केवल वही लोग ले सकते थे, जिन्होंने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 के बीच लोन लिया हो. बजट 2020 में इस डेडलाइन को एक साल के लिए बढ़ाया गया. होम लोन के ब्याज पेमेंट पर पहले से सेक्शन 24 के तहत 2 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन मिलता है. वहीं प्रिंसिपल अमाउंट पर सेक्शन 80 सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक का डिडक्शन मिलता है.

  • कंपनियों और म्यूचुअल फंड्स की ओर से दिए जाने वाले डिविडेंड पर DDT खत्म कर दिया गया.
  • ओवरसीज रेमिटेंस और ओवरसीज टूर पैकेज की बिक्री पर TCS वसूल करने के लिए आयकर कानून के सेक्शन 206C में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया. सेक्शन 206C के तहत नए नियमों के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति 7 लाख रुपये या इससे ज्यादा अमाउंट एक वित्त वर्ष में भारत के बाहर LRS के तहत रेमिटेंस के रूप में भेजता है तो 5 फीसदी की दर से TCS देय होगा. अगर ऑथराइज्ड डीलर या टूर पैकेज विक्रेता को PAN या आधार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो TCS की दर 10 फीसदी होगी. हालांकि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर इसका रिफंड पाया जा सकेगा.
  • स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए कर में रियायत
  • डायरेक्ट टैक्स की मुकदमेबाजी कम करने के लिए विवाद से विश्वास स्कीम की घोषणा.

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