मोदी सरकार ने समय की मांग को देखते हुए और सातवें वेतन आयोग (7th Pay Commission) की सिफारिशों पर पेंशन नियमों (Pension Rule) में बड़ा बदलाव किया है. नए नियमों के मुताबिक अब अधिकतम पेंशन 1.25 लाख रुपये तक दी जा सकेगी जो पहले केवल 45 हजार रुपये थी.
दिल्ली: सरकारी सेवा से निवृत्ति (Retirement) के बाद पेंशन शुरू कराने के लिए कितनी दिक्कत उठानी पड़ती है, इससे हर सरकारी कर्मचारी वाकिफ है. कई मामले तो ऐसे सामने आते हैं जिनमें रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी की मौत तक हो जाती है लेकिन लेकिन पेंशन शुरू नहीं हो पाती. इसके अलावा दूसरी तरह की दिक्कतें भी आती हैं जैसे आश्रित परिवार में अगर कोई दिव्यांग हो तो उसके लिए पेंशन का कोई प्रावधान नहीं लेकिन अब पुराने नियमों को मोदी सरकार ने बदल दिया है.
अधिकतम पेंशन की सीमा बढ़ाई
केंद्र सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के परिवार वालों के लिए बड़ी घोषणा की है. सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उनके परिवार को पेंशन के रूप में अब 1.25 लाख रुपए तक मिल सकेंगे. अभी तक यह सीमा अधिकतम 45 हजार रुपए थी जिसमें ढाई गुना का इजाफा किया गया है. इस बदलाव से उन हजारों सरकारी कर्मचारियों के परिवार को फायदा मिलेगा जिन्हें महंगाई के दौर में घर चलाने में बड़ी दिक्कत आती थी. नए नियमों के मुताबिक जब उनकी पेंशन रिवाइज हो जाएगी तो फिर उनकी आर्थिक स्थिति और सुधर जाएगी.
दिव्यांग आश्रितों को बड़ी राहत
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के मुताबिक सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद अगर घर का कोई सदस्य दिव्यांग है और उसके पास आजीविका चलाने के लिए कोई साधन नहीं है तो उसे जीवन भर पेंशन दी जाएगी. मोदी सरकार के इस फैसले से उन हजारों लोगों को राहत मिलेगी जो माता-पिता के निधन के बाद बेहद दिक्कतों में जी रहे थे. मोदी सरकार ने इस बदलाव से पहले कई बार मंथन किया और पाया कि मौजूदा व्यवस्था से हजारों लोगों के सामने रोटी का संकट खड़ा हो जाता है जो बिल्कुल सही नहीं है. इसके अलावा केंद्रीय सिविल सेवा पेंशन नियम 1972 (54/6) के मुताबिक अगर सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवार की कुल आय कर्मचारी के अंतिम वेतन से 30 फीसदी से कम है तो मृतक आश्रितों को जीवन भर पेंशन पाने का अधिकार होगा. तमाम विचार-विमर्श के बाद मोदी सरकार ने मौजूदा व्यवस्था को बदल दिया है. जल्द ही नए नियमों को लागू कर दिया जाएगा जिससे हजारों लोगों को बड़ी राहत मिल जाएगी.
पहले क्या थे नियम
बदलाव से पहले नियमों के मुताबिक सरकारी कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी को पेंशन का प्रावधान है. अगर पीड़ित के घर में बच्चे हैं और उनमें से कोई मानसिक या शारीरिक रूप से सक्षम नहीं है तो उसे किसी तरह से पेंशन का प्रावधान नहीं था. इस नियम की वजह से दिव्यांग आश्रितों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को काफी दिक्कत होती थी. अब मोदी सरकार ने नियम बदलकर उन हजारों परिवारों को राहत दे दी है.