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Relationship: मां और पत्नी में से पुरुष पर किसका हक है ज्यादा? Indian Constable के सवाल पर Twitter पर छिड़ी बहस

इंडियन पुलिस (Indian Police) में कॉन्सटेबल आशीष मिश्रा ट्विटर (Twitter) पर काफी एक्टिव रहते हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने एक सवाल पूछा था कि पुरुष की जिंदगी पर मां और पत्नी में से ज्यादा हक किसका होता है. इसमें कोई दोराय नहीं है कि रिश्तों (Relationship) का यह त्रिकोण दुनिया के सबसे उलझे रिश्तों में से एक है.

नई दिल्ली: शादी के बाद जिस तरह से एक लड़की को अपनी ससुराल में नए रिश्तों (Relationship) के साथ एडजस्ट करना होता है, उसी तरह से एक लड़के को भी मां और पत्नी के बीच सही बैलेंस बनाना पड़ता है. कुछ रिश्ते (Relationship) बहुत नाजुक और जटिल होते हैं, उन्हीं में से एक है पुरुष का अपनी मां और पत्नी के साथ का रिश्ता.

कॉन्सटेबल के सवाल से छिड़ी बहस

भारत पुलिस (Indian Police) में कॉन्सटेबल आशीष मिश्रा सोशल मीडिया (Social Media) पर काफी एक्टिव रहते हैं. कुछ दिनों पहले उन्होंने ट्विटर (Twitter) पर अपने फैंस से एक सवाल किया था. उन्होंमे पूछा था, एक मर्द पर सबसे बड़ा हक किसका होता है? मां या पत्नी का? इस पर कई लोगों ने अलग-अलग जवाब दिए हैं. उन जवाबों को जानने से पहले जानिए कि आखिर यह रिश्ता (Relationship) इतना जटिल कैसे हो जाता है.

शादी के बाद बढ़ती है जिम्मेदारी

शादी (Marriage) से पहले एक पुरुष अपनी मां के साथ सबसे करीबी रिश्ता (Relationship) शेयर करता है. कई लड़के हर छोटी-बड़ी बात शेयर करने से लेकर अपनी सैलरी तक अपनी मां को सौंप देते हैं. ऐसे में शादी के बाद जब अचानक उनकी लाइफ में दूसरी फीमेल की एंट्री होती है तो जिंदगी पूरी तरह से बदल जाती है. किसी बात पर अगर वे मां का साथ देते हैं तो पत्नी बुरा मान जाती है और पत्नी की बात मान ली तो मां नाराज हो जाती है.

कई लड़के ‘मम्माज बॉय’ (Mumma’s Boy) और ‘जोरू का गुलाम’ जैसे टैग्स के बीच फंस जाते हैं. शादी के बाद ज्यादातर लड़कों को इस धर्मसंकट से गुजरना पड़ता है.

लोगों ने रखी अपनी राय

आशीष मिश्रा के सवाल पर 109 लोगों ने अपनी राय रखी है. जहां ज्यादातर ट्विटर (Twitter) यूजर्स ने इसे एक धर्मसंकट और पुरुष पर मां का हक ज्यादा होना बताया है, वहीं एक यूजर के जवाब ने सबकी परेशानी को सुलझा दिया है. पंकज कुमार श्रीवास्तव ने कमेंट में लिखा- मर्द पर पत्नी का हक होता है और बेटे पर मां का हक होता है.

रिश्तों की जटिलता को सुलझाने के लिए जिंदगी में मौजूद हर व्यक्ति की खास जगह और अहमियत होनी चाहिए. अगर हर किसी को समय देकर सबकी जरूरतों को समझा जाएगा तो इस तरह की परेशानी आने का सवाल ही नहीं उठेगा.

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