EPFO

PF से पैसा निकालने की सोच रहे हैं? आगे बढ़ने से पहले जान लें क्या हैं Tax के नियम, वरना हो जाएगी परेशानी

अगर कोई व्‍यक्ति COVID-19 के अलावा किसी अन्‍य कारण से पीएफ से पैसे निकाल रहा है और उसकी लगातार सर्विस 5 साल से कम है, तो उसे इस पर टैक्‍स देना पड़ सकता है. यदि यह रकम 50,000 रुपये से ज्‍यादा होती है, तो इनकम टैक्‍स कानून के तहत इस पर 10%के हिसाब से टीडीएस भी देना पड़ता है.  

नई दिल्ली: यदि आप कोरोना (Coronavirus) महामारी के बीच आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं और अपने प्रोविडेंट फंड अकाउंट (PF Account) से पैसा निकालने की सोच रहे हैं, तो आपको पहले उससे जुड़े सभी नियमों को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए. क्योंकि नियमों की पर्याप्त जानकारी के बिना आप परेशानी में पड़ सकते हैं. बता दें कि पिछले साल सरकार (Government) ने नौकरीपेशा लोगों को यह अनुमति दी थी कि वो एडवांस के तौर पर PF से पैसा निकाल सकते हैं. सरकार की तरफ से कहा गया था कि कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन के सदस्‍य अपने PF बैलेंस में से 75 फीसदी या तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ते जितनी रकम निकाल सकते हैं. इनमें से जो भी रकम कम होगी, उन्‍हें वो निकालने की अनुमति होगी.

Read more:PF से पैसा निकालने पर भी देना होता है टैक्स, यहां जानें कब और कितना पैसा निकालने पर टैक्स देना होगा

इस मामले में नहीं लगता Tax

TV9 की रिपोर्ट में बताया गया है कि उदाहरण के तौर पर अगर किसी व्‍यक्ति के पीएफ अकाउंट में 1 लाख रुपये हैं और उसकी तीन महीने की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्‍ता 45,000 रुपये है, तो उसे सरकारी नियमों के अनुसार 45,000 रुपये तक निकालने की अनुमति होगी. आमतौर पर इस तरह के विड्रॉल क्‍लेम करने के तीन दिन के अंदर ही प्रक्रिया शुरू हो जाती है. चूंकि, यह विड्रॉल COVID-19 की वजह से उत्‍पन्‍न हुए संकट के लिए है, इसीलिए सरकार ने इस पैसे को टैक्‍स फ्री कर दिया है.

ये Withdrawal भी हैं Tax Free

इसके अलावा कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन अपने सब्‍सक्राइबर्स को विशेष परिस्थितियों में भी PF अकाउंट से पैसे निकालने की अनुमति देता है, जैसे कि बच्‍चों की शिक्षा, शादी या घर खरीदना आदि. आमतौर पर इस तरह के विड्रॉल की अनुमति 5 साल की सर्विस के बाद ही मिलती है. यह भी टैक्‍स फ्री होता है. नियम के अनुसार, यदि कोई व्‍यक्ति दो महीने से ज्‍यादा बेरोजगार रहता है, तो वह अपना पूरा पीएफ बैलेंस निकाल सकता है.

Read more:UAN के बिना भी जान सकते हैं PF Account का बैलेंस, यह है स्टेप बाय स्टेप प्रॉसेस

इस स्थिति में चुकाना होगा TDS

रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई व्‍यक्ति कोविड-19 के अलावा किसी अन्‍य कारण से पीएफ से पैसे निकाल रहा है और उसकी लगातार सर्विस 5 साल से कम है, तो इस पर टैक्‍स देना पड़ रहा है. टैक्‍स एक्सपर्ट का कहना है कि यदि यह रकम 50,000 रुपये से ज्‍यादा होती है, तो इनकम टैक्‍स कानून की धारा 192ए के तहत इस पर 10 फीसदी के हिसाब से टीडीएस भी देना पड़ता है. वहीं, अगर विड्रॉल पर PAN नहीं दिया गया है तो टीडीएस की यह दर बढ़कर 30 फीसदी तक पहुंच जाएगी. हालांकि, 30,000 रुपये से कम रकम निकालने पर कोई टीडीएस नहीं देना होगा.

Experts की है ये सलाह 

इसी तरह, अगर कोई कर्मचारी नौकरी बदलने के बाद एक नियोक्ता से दूसरे के पास अपन प्रोविडेंट फंड ट्रांसफर करता है, तो इसके लिए भी उन्‍हें कोई टैक्‍स नहीं देना होगा. ऐसे में यदि आप किसी संकट की घड़ी से गुजर रहे हैं तो जरूरी पैसों के लिए प्रोविडेंट फंड के विकल्‍प को चुन सकते हैं. वैसे, जानकारों की सलाह है कि कर्मचारियों को रिटायरमेंट से पहले इस फंड को छूने से बचना चाहिए. दरअसल, शुरुआती दिनों में ही पीएफ अकाउंट से पैसे निकालने का मतलब है कि आपको कम्‍पाउंडिंग का लाभ नहीं मिलेगा. साथ ही, पीएफ उन सेविंग्‍स इंस्‍ट्रुमेंट्स में से एक है, जिस पर 8.5 फीसदी की दर से ब्‍याज मिल रहा है. एक्‍सपर्ट्स तो यह सलाह देते हैं कि अगर किसी मजबूरी में अपने प्रोविडेंट फंड से पैसे निकालने भी पड़ रहे हैं तो इसके बाद वॉलेंटी प्रोविडेंट फंड में अपना योगदान बढ़ाने दें.  

ऐसे मामलों में मिलती है छूट

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ ऐसे भी कारण हैं, जिनकी वजह से 5 साल से पहले भी PF अकाउंट से पैसे निकालने पर टैक्‍स नहीं देना होता. उदाहरण के तौर पर अगर किसी कर्मचारी की तबियत बहुत खराब है और उसे  टर्मिनेट करना पड़ा है तो उसके पीएफ विड्रॉल पर टैक्‍स नहीं वसूला जाएगा. इसके अलावा यदि कंपनी बंद हो जाती है कि या कर्मचारी के कंट्रोल के बाहर कोई विड्रॉल हो जाता है तो इसके तो भी इस पर टैक्‍स नहीं देना होगा.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most Popular

To Top