Maharashtra

महाराष्ट्र में फिर बीजेपी से हाथ मिलाएगी शिवसेना? अपने विधायक की चिट्ठी पर सामना में दिया जवाब

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को लिखे गए पत्र में प्रताप सरनायक ने कहा था कि इससे पहले कि बहुत ज्यादा देर हो जाए मुंबई और थाणे जैसे आगामी निगम चुनावों को देखते हुए शिवसेना को अपने पूर्व सहयोगी के साथ हाथ मिला लेना चाहिए.

मुंबई. ‘बीजेपी से हाथ मिलाने’ से जुड़े अपने विधायक प्रताप सरनायक (Pratap Sarnaik) के पत्र को ज्यादा भाव ना देते हुए शिवसेना (Shiv Sena) ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि, ‘जिन लोगों को महाराष्ट्र की सत्ता संरचना में परिवर्तन के संकेत दिखाई दे रहे हैं, वे राजनीति में कच्चा नींबू हैं.’ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे गए पत्र में प्रताप सरनायक ने कहा था कि इससे पहले कि बहुत ज्यादा देर हो जाए मुंबई और थाणे जैसे आगामी निगम चुनावों को देखते हुए शिवसेना को अपने पूर्व सहयोगी के साथ हाथ मिला लेना चाहिए.

थाणे के ओवाला-माजीवाड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक सरनायक ने अपने पत्र में कहा था कि बीजेपी और शिवसेना अब सहयोगी नहीं हैं, लेकिन दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच अच्छे संबंध हैं और हमें इसका प्रयोग अपने हित में करना चाहिए. सरनायक का ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात के बाद आया. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने दिल्ली दौरे के समय प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर उनसे व्यक्तिगत मुलाकात की थी.

हिंदुस्तान टाइम्स ने शिवसेना के एक नेता के हवाले से लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्धव ठाकरे के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक चली. इस बैठक में उद्धव ठाकरे ने पीएम के साथ राजनीतिक विषयों पर बात की. इसके अलावा ठाकरे ने विधान परिषद के लिए 12 सदस्यों के नामांकन के मुद्दे पर भी पीएम से हस्तक्षेप करने की मांग की. इस मुद्दे पर पिछले 8 महीनों से राज्यपाल बीएस कोश्यारी की मंजूरी का इंतजार है.

दूसरी ओर पीएम मोदी से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा था कि, “हां, हमारी अलग से मुलाकात हुई. हम राजनीतिक रूप से साथ नहीं हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि हमने अपने संबंधों को खत्म कर दिया है. मैं नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था. नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत रूप से मिलने में कोई बुराई नहीं है. कल, मैं अपने सहयोगियों से कहूंगा कि वे जाएं और पीएम से मिलकर आएं.”

उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद उठते सवालों पर शिवसेना ने मुखपत्र सामना में कहा, “पहले तो पीएम मोदी से मुलाकात करने में कोई दोष नहीं है. प्रधानमंत्री के साथ महाराष्ट्र सरकार के अच्छे रिश्ते हैं. इसमें कुछ गलत नहीं है. वह हमारे संसदीय लोकतंत्र के सुप्रीम लीडर हैं.”

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