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PF में 24 फीसद योगदान इस तारीख तक करेगी सरकार, जानें क्‍या आप Eligible हैं

ABRY 2021 Covid 19 Mahamari के कारण कई लोग अपनी Job से हाथ धो बैठे हैं। सरकार ने इस दौरान रोजगार बढ़ाने के लिए अक्टूबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (atmanirbhar bharat rojgar yojana) शुरू की थी।

नई दिल्‍ली, बिजनेस डेस्‍क। Covid 19 Mahamari के कारण कई लोग अपनी Job से हाथ धो बैठे हैं। सरकार ने इस दौरान रोजगार बढ़ाने के लिए अक्टूबर 2020 में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (atmanirbhar bharat rojgar yojana) शुरू की थी। इस योजना का फायदा उन लोगों को मिलना तय हुआ है जो 1 अक्टूबर, 2020 से 31 मार्च, 2022 तक नियुक्त हो चुके हैं या होंगे। 22,810 करोड़ रुपये के खर्च की इस योजना का फायदा को अब तक 21 लाख से ज्‍यादा नौजवानों को मिल चुका है।

कौन है Eligible

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में रजिस्टर संस्थान ही इस योजना में शामिल हैं। इस योजना के तहत नए वर्करों के भविष्य निधि खातों (Provident fund account) में अंशदान का दायित्व कुछ समय के लिए सरकार अपने ऊपर लेती है।

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ABRY का बजट

बीते हफ्ते वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि 18 जून 2021 तक योजना के तहत 21.42 लाख लोगों को फायदा मिला जिस पर 902 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। ये लाभार्थी 79,577 कंपनियों से जुड़े हैं। सीतारमण ने कहा कि यह योजना 30 जून 2021 तक वैध थी, जिसे अब बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है।

क्‍या है ABRY

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना (ABRY) की शुरुआत बीते साल 1 अक्टूबर को की गई थी। इसके तहत कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में दिये जाने वाले योगदान (Provident fund contribution) में सरकारी मदद के जरिये कंपनियों को नए रोजगार पैदा करने, रोजगार के नुकसान की भरपाई के लिए प्रोत्साहन दिया गया। योजना के तहत 58.50 लाख अनुमानित लाभार्थियों के लिए 22,810 करोड़ रुपये के आवंटन को मंजूरी दी गई है।

2023 तक मिलेगा फायदा

महामारी के दौरान सरकार ने Jobs के मौके बढ़ाने और कर्मचारियों को राहत के लिए कई कदम उठाए हैं। एबीआरवाई इनमें से एक उपाय है। इसके तहत सरकार ने 2020 से 2023 तक क्रियान्वयन की पूरी अवधि के लिए 22,810 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।

Jobs बढ़ेंगी

योजना का मकसद कंपनियों पर वित्तीय बोझ कम करके रोजगार को बढ़ावा देना है। योजना में भारत सरकार नयी भर्तियों के मामलों में दो साल तक भविष्य निधि कोष में कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा किये जाने वाले कुल 24 प्रतिशत योगदान का भुगतान अपनी तरफ से करेगी। यह सुविधा उन कर्मचारियों के मामले में दी जा रही है जिनका वेतन 15 हजार रुपये मासिक तक है और जिन कंपनियों में कुल कर्मचारियों की संख्या 1 हजार तक है।

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