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महामारी की दूसरी लहर का असर दिखा कमजोर, जनवरी-जून में 8 प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 67% बढ़ी

डेवलपर्स द्वारा कम ब्याज दरों के साथ भुगतान विकल्पों में लचीलापन, और घरों की स्थिर कीमतें जैसी प्रोत्साहन योजनाओं ने लोगों की घर खरीदने की भावना को दोबारा प्रेरित किया।

नई दिल्‍ली। अचल संपत्ति बाजार अनुसंधान एवं परामर्श कंपनी नाइट फ्रैंक इंडिया की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक कोविड-19 की दूसरी लहर के बावजूद देश के प्रमुख आठ शहरों में जनवरी-जून अवधि के दौरान घ्‍ज्ञरों की बिक्री में 67 प्रतिशत का उछाला देखने को मिला है। छह माह में कुल 99,416 घरों की बिक्री हुई, जिसमें सबसे ज्‍यादा मांग मुंबई और पुणे में दर्ज की गई। वहीं दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में घरों की बिक्री सालाना आधार पर 111 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 11,474 इकाई रही। पिछले साल यह संख्या 5,446 थी।

नाइट फ्रैंक इंडिया ने आठ शहरों- मुंबई महानगरीय क्षेत्र (एमएमआर), दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद के लिए अपनी रिपोर्ट इंडिया रियल एस्टेट- रेजिडेंशियल, जनवरी-जून 2021 जारी की। रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर में 2021 कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही में नई आवास इकाइयों की पेशकश भी 2020 के 1,422 इकाइयों से 107 प्रतिशत बढ़कर 2,943 इकाई हो गई।

ऑफर्स ने किया ग्राहकों को आकर्षित

नाइट फ्रैंक इंडिया के कार्यकारी निदेशक (उत्तर) मुदस्सीर जैदी ने कहा कि दिल्ली एनसीआर के घरों के बाजार को महामारी की पहली लहर के दुष्परिणामों का प्रभाव झेलना पड़ा था क्योंकि सब जगह अनिश्चितता छाई हुई थी। रिपोर्ट के अनुसार डेवलपर्स द्वारा कम ब्याज दरों के साथ भुगतान विकल्पों में लचीलापन, और घरों की स्थिर कीमतें जैसी प्रोत्साहन योजनाओं ने लोगों की घर खरीदने की भावना को दोबारा प्रेरित किया।

सबसे ज्‍यादा बिके 1 करोड़ रुपये से अधिक मूल्‍य वाले मकान

नाइटफ्रैंक की रिपोर्ट के अनुसार एनसीआर में विशेष रुप से 2020 की पहली तिमाही और 2020 चौथी तिमाही के दौरान घरों की बिक्री में पुनरुत्थान दिखाई देना शुरु हुआ और यह रुझान 2021 की पहली तिमाही में भी जारी रहा। एनसीआर में मूल्य श्रेणी के हिसाब से 2021 की पहली छमाही के दौरान एनसीआर में 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा मूल्य के घरों की बिक्री की संख्या सबसे ज़्यादा रही। कुल बिक्री में इस श्रेणी के मकानों का हिस्सा 2020 की पहली छमाही के 28 प्रतिशत की तुलना में 39 प्रतिशत रहा। इसी तरह 50 लाख रुपये से कम कीमत वाले घरों का हिस्सा 36 प्रतिशत रहा, जो 2020 की पहली छमाही में 41 प्रतिशत था।

गुरुग्राम में बढ़ी मांग

50 लाख रुपये और 1 करोड़ रुपये के बीच की कीमत वाले घरों की बिक्री का हिस्सा 2021 की पहली छमाही में घटकर 25 प्रतिशत हो गया, जो साल 2020 की पहली छमाही में 31 प्रतिशत  था। रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान संख्या के हिसाब से गुरुग्राम में नए घरों की बिक्री में उल्लेखनीय सुधार देखा गया। कुल बिक्री में इसकी हिस्सेदारी साल 2020 की पहली छमाही में 27 प्रतिशत से बढ़कर 2021 की पहली छमाही में 32 प्रतिशत हो गई। कुल बिक्री में ग्रेटर नोएडा क्षेत्र की स्थिति 34 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अपने पहले के स्तर पर बनी रही। इस दौरान नोएडा की हिस्सेदारी में गिरावट देखी गई, जो साल 2020 की पहली छमाही के 18 प्रतिशत से घटकर 2021 की पहली छमाही में 15 प्रतिशत रही। 

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