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हवाई यात्रा करना हुआ और महंगा, सरकार ने किराये में की 30% तक बढ़ोतरी

Domestic airfare gets costlier: नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने कहा कि जैसे ही उड़ान सेवाएं कोविड पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएंगी, इनके किरायों में प्राइस बैंड को खत्म कर दिया जाएगा. 

नई दिल्ली: आने वाले दिनों में अगर आप भी किसी हवाई यात्रा का प्लान बना रहे हैं तो जरा ठहर जाइए. प्लेन टिकट बुक कराने का मन बना रहे लोगों को तगड़ा झटका लग सकता है. देश में घरेलू हवाई यात्रा अब महंगी हो गई है. जी हां, सरकार ने हवाई किरायों में प्राइस बैंड को खत्म करने का फैसला ले लिया है.

सरकार के इस फैसले के बाद घरेलू हवाई किराए में न्यूनतम 10 प्रतिशत और अधिकतम 30 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी होगी. नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने हवाई यात्रा के किरायों पर सीमाएं निर्धारित करने को ‘असाधारण उपाय’ करार देते हुए कहा कि जैसे ही उड़ान सेवाएं कोविड पूर्व के स्तर पर पहुंच जाएंगी, इनके किरायों में प्राइस बैंड को खत्म कर दिया जाएगा. 

महंगा होगा हवाई सफर 

उड़ान का समय  पुराना बैंड (रु.)नया बैंड (रु.)
40 मिनट तक 2,000-6,0002,200-7,800
40-60 मिनट2,500-7,5002,800-9,800
60-90 मिनट3,000-9,0003,300-11,700
90-120 मिनट3,500-10,0003,900-13,000
120-150 मिनट4,500-13,0005,000-16,900

विमानन मंत्री ने कही ये बात

पुरी ने राज्य सभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर में कहा कि नागर विमानन क्षेत्र को 23 मार्च 2020 को कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर पूरी तरह बंद कर दिया गया था और इसे 25 मई को विभिन्न दिशानिर्देशों के साथ बहाल किया गया. उन्होंने कहा, ‘हमारा प्रयास हमेशा से यह रहा है कि वास्तविक एवं संभावित यातायात से थोड़ा अधिक खोला जाए.’ उड़ान सेवाएं क्षमता के 80 प्रतिशत तक परिचालित नहीं किए जाने के बारे में पुरी ने कहा कि यह निर्णय एयरलाइंस वाणिज्यिक आधार पर करती हैं.

कोरोना काल में लगाई गई थी कैपिंग

उन्होंने कहा कि वायु किरायों पर न्यूनतम एवं अधिकतम सीमा लगाने का कदम एक असाधारण उपाय था जो असाधारण परिस्थिति के कारण आवश्यक हो गया था. इसके पीछे यह भी मकसद था कि सीमित उपलब्धता की स्थिति में एयरलाइन अनाप-शनाप किराये नहीं वसूल करें.

पुरी ने कहा, ‘यह हमारी मंशा नहीं है कि फेयर बैंड कोई स्थायी विशेषता रहे. यह मुक्त और नियमन विहीन बाजार स्थिति भी नहीं हो सकती. लिहाजा, हमारी यह उम्मीद है कि जब गर्मियों तक उड़ानें कोविड पूर्व के स्तर पर आ जाएंगी तो हमें प्राइस बैंड की जरूरत नहीं रह जाएगी.’

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