Uttar Pradesh

गरीबों की मदद करने में UP के नंबर-1 CM बने योगी आदित्यनाथ, सहायता के लिए खर्च किए 10 अरब

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सीएमओ की तरफ से विवेकाधीन फंड को लेकर ब्यौरा जारी किया गया है. आंकड़ें बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस कोष के तहत गरीबों की इतनी मदद की है, जितनी उत्तर प्रदेश में पहले की किसी भी सरकार ने नहीं की.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने नाम एक नया रिकॉर्ड दर्ज कर लिया है. प्रदेश के गरीबों की मदद करने में मुख्यमंत्री योगी ने कोई कमी नहीं छोड़ी है. इसी का परिणाम आज यह है कि वह प्रदेश के पहले सीएम बने हैं, जिन्होंने बीमारों और गरीबों को सहायता प्रदान करने के लिए करीब 10 अरब रुपये खर्च किए. इसे देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ गरीबों की मदद करने में प्रदेश के नंबर-1 सीएम बन गए हैं. 

गौरतलब है कि सीएम योगी के फंड (सीएम फंड) से लाखों लोगों को सहायता दी गई है. इसमें से वे किसी भी हद तक जाकर लोगों की मदद कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि पिछले 4 साल में योगी सरकार ने इस फंड से एक हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. 

सीएम फंड से लोगों को मिली सहायता
सीएमओ की तरफ से विवेकाधीन फंड को लेकर ब्यौरा जारी किया गया है. आंकड़ें बताते हैं कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस कोष के तहत गरीबों की सभी सरकारों से ज्यादा मदद की है. सीएम ने पुराने सभी रिकॉर्ड्स को तोड़कर गरीबों और बीमारों की मदद के लिए 4 साल में 10 अरब रुपये दिए हैं.

सीएम योगी ने ऐसे की मदद
इससे पहले सपा सरकार ने 5 साल में 42,508 लोगों को 552 करोड़ रुपये दिए थे. मायावती के समय में 5 साल में बहुत कम लोगों को बहुत कम ही धनराशि की सहायता दी गई थी. उस समय बसपा की सरकार ने केवल 18,462 लोगों की मदद की थी और करीब 84 करोड़ रुपये खर्च किए थे. सीएम योगी ने सबसे ज्यादा 25,425 कैंसर रोगियों को 3 अरब 94 करोड़ रुपए के करीब मदद की. अन्य प्रकार के इलाज के लिए 21,755 रोगियों को करीब 3 अरब 5 करोड़, किडनी के इलाज के लिए 9427 लोगों को 1 अरब 80 करोड़ और हृदय रोग के इलाज के लिए 7019 लोगों को 68 करोड़ 35 लाख के करीब दिए गए.

सांसद पद पर रहकर भी ऐसे ही मदद करते थे सीएम योगी
गौरतलब है कि जब सीएम योगी आदित्यनाथ सांसद थे, तब भी लोगों की सहायता के लिए हमेशा आगे रहते थे. गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में सुबह 6.00 बजे से ही लोग आने लगते थे और सीएम उनकी परेशानियां सुनकर उसके हिसाब से सहयाता राशि प्रदान करते थे. कुछ लोगों की मदद वह MP Fund से कर देते थे. बाकियों को गोरक्षा पीठ की तरफ से सहायता देते थे. कई वजहों में से एक यह भी थी कि योगी आदित्यनाथ 5 बार गोरखपुर के सांसद चुने गए.  

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