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Gratuity Calculation: क्या है ग्रैच्युटी और कैसे की जाती है इसकी गणना जानें- यहां

Gratuity Calculation: जब कोई कर्मचारी किसी कंपनी में पांच साल की सेवा पूरी कर लेता है. उसके बाद वह कंपनी को छोड़ता है तो कंपनी उसे अप्रीसिएशन के तौर पर जो रकम देती है, उसको ग्रैच्युटी कहा जाता है.

Gratuity Calculation: ग्रैच्युटी (Gratuity) वह रकम होती है जो कंपनी छोड़ने के बाद आपको कंपनी द्वारा दी जाती है. यह अनुग्रह राशि होती है जो कंपनी अपने कर्मचारी को देती है. एक तरह से यह राशि आपने जो कंपनी को इतने दिनों तक सेवाएं दी है, उसके लिए अप्रीसिएशन के तौर पर होती है. लेकिन, यह रकम पाने के लिए कर्मचारियों कई शर्तें पूरी करनी होती हैं. नियमों के मुताबिक, कोई भी कंपनी जिसमें 10 से अधिक लोग काम करते हैं उसे अपने कर्मचारी को ग्रैच्युटी देनी पड़ती है. लेकिन, कर्मचारी कम से कम पांच साल तक कंपनी को अपनी सेवाएं दी हो. आइए, जानते हैं कि देश में ग्रैच्युटी को लेकर क्या नियम बनाए गए हैं

ग्रैच्युटी के लिए क्या है योग्यता?

कंपनी छोड़ते वक्त नियोक्ता कंपनी अपने कर्मचारियों को ग्रैच्युटी देती है. किसी भी कर्मचारी को कम से कम कंपनी को 190 दिन की सेवा देना अनिवार्य है. जिसमें हफ्ते 6 कामकाजी दिन शामिल हों. ग्रैच्युटी एक्ट 1972 यह कहता है कि किसी कर्मचारी को ज्यादा से ज्यादा 20 लाख रुपये तक की ग्रैच्युटी दी जा सकती है. इसमें अप्रेंटिसशिप या इंटर्नशिप शामिल नहीं है. ग्रैच्युटी की गणना इस पर निर्भर करती है कि आपने कितने समय तक कंपनी को अपनी सेवाएं दी है. इसमें यह नहीं जोड़ा जाता है कि आपने कितने दिनों की छुट्टियां ली है या फिर आप कितने दिनों तक अनुपस्थित रहे हैं

अगर आपने कोई ब्रेक लिया है तो उसको ग्रैच्युटी में शामिल नहीं किया जाता है यानी उतनी रकम आपके ग्रैच्युटी में से काट ली जाती है.

किस तरह से करें ग्रैच्युटी की गणना

अलग – अलग तरह के कर्मचारियों के अलग-अलग तरह से ग्रैच्युटी की गणना की जाती है. यह मासिक वेतन पाने वाले पीस रेटेड और सीजनल कर्मचारियों के लिए अलग-अलग होता है.

जो लोग पेमेंट ग्रैच्युटी एक्ट के तहत आते हैं, उसके लिए ग्रैच्युटी की गणा 15 दिन के आधार पर और आपकी हर साल की अंतिम बेसिक सैलरी पर की जाती है. उसके बाद ग्रैच्युटी पाने के लिए पूरे साल की गणना की जाती है. ऐसे मामले में, भत्ते की गणना बेसिक सैलरी के अलावा महंगाई भत्ते को शामिल नहीं किया जाता है. उदाहरण के लिए- मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए ग्रैच्युटी की गणना इस तरह से की जाती है. (बेसिक + डीX 15/26)x आपने जितने समय तक कंपनी को अपनी सेवाएं दी है.

पीस रेटेड कर्मचारियों के लिए ग्रैच्युटी की गणना रिटायरमेंट के पूर्व या फिर टर्मिनेट किए जाने से पूर्व आपके अंतिम तीन माह का वेतन क्या रहा है? सीजनल कर्मचारियों के लिए ग्रैच्युटी की गणना कुछ इस तरह से की जाती है. 15 दिनों के बजाय केवल सात दिन की गणना की जाती है. इसमें उससे गुणा किया जाता है कि कितने सीजन में आपने काम किया है. इसके अलावा वही फॉर्मूला अपनाया जाता है तो मासिक वेतन पाने वाले कर्मचारियों के लिए लागू होता है.

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