Madhya Pradesh

EXCLUSIVE: भोपाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में करोड़ों का घोटाला, जांच के दायरे में 2 IAS अफसर

Scam in MP: आरोप है कि नीलामी के पहले जमीन पर निर्माण की शर्तें कुछ और थीं, लेकिन नीलामी के बाद जमीन आवंटित होते ही शर्तों को बदल दिया गया. जांच के घेरे में 2 आईएएस अफसर भी आ गए हैं.

भोपाल. भोपाल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्‍ट (Smart City Project) के तहत जमीन नीलामी में भारी गड़बड़ी और घोटाला सामने आया है. इस मामले की शिकायत ईओडब्ल्यू (EOW) में की गई है. EOW अब इस मामले की जांच कर रहा है. घोटाले का आरोप मध्‍य प्रदेश के दो आईएएस अफसरों पर भी लगा है.

हाल ही में भोपाल में स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने करोड़ों रुपये की जमीन नीलाम की है. EOW को मिली शिकायत में नीलामी की शर्तों में हेराफेरी कर कई नामी बिल्डर्स को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है. जांच के घेरे में 2 आईएएस अफसर भी आ गए हैं. यह शिकायत उन बिल्डर्स की ओर से की गई है, जिन्हें शर्तें पूरी करने के बाद भी स्मार्ट सिटी में जमीन नहीं मिली.

नीलामी की शर्तों में हेराफेरी का आरोप
टीटी नगर इलाके में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत काम चल रहा है. इस इलाके में करीब 100 एकड़ जमीन को बेचा जाना है. इसकी अनुमानित कीमत करीब 1500 करोड़ रुपये है. इसमें से कुछ जमीन की नीलामी भोपाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड कंपनी ने पिछले दिनों कर दी है. इस राशि का उपयोग अलग-अलग क्षेत्र के 23 प्रोजेक्ट पूरा करने में किया जाना है. आरोप है कि नीलामी के पहले जमीन पर निर्माण की शर्तें कुछ और थीं, लेकिन नीलामी के बाद जमीन आवंटित होते ही शर्तों को बदल दिया गया.

आरोप यह भी है कि अधिकारियों ने बिल्डर्स से साठ-गांठ कर जमीन हासिल कर ली है, जबकि अन्य बिल्डर्स ने सभी शर्तों को पूरा किया था. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि जो शिकायत हुई है उस पर EOW को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. इस मामले में कांग्रेस भी दोषियों पर कार्रवाई की मांग कर रही है. बीजेपी ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर राजनीति न करने के सलाह दी है. बीजेपी ने कहा EOW जांच कर रही है, जो भी दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी.

स्मार्ट सिटी का विवादों से पुराना नाता

– जमीन नीलामी से पहले भी स्मार्ट सिटी पर कई गंभीर आरोप लग चुके हैं. स्मार्ट सिटी के​ लिए डाटा सेंटर और डिजास्टर रिकवरी सेंटर बनाने के लिए टेंडर जारी किया गया था, जिसमें ऐसी कंपनी को टेंडर दिया गया था जिसे इस काम का कोई अनुभव ही नहीं था. इस मामले में एक आईएएस अफसर और बेटे पर आरोप लगे थे.

– स्मार्ट सिटी के नाम पर भोपाल के पॉलीटेक्निक चौराहे से भारत माता चौराहे तक स्मार्ट रोड का टेंडर 31 करोड़ रुपए में हुआ था. 27 करोड़ का वर्क ऑर्डर जारी किया गया था. स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन ने ठेकेदार को 32 करोड़ का भुगतान कर दिया, जबकि एग्रीमेंट में कान्ट्रेक्ट वेल्यू किसी भी स्थिति में न बढ़ाने की शर्त थी.

नोटिस देकर दर्ज होंगे बयान
इस जमीन नीलामी केस में अब EOW संबंधितों के बयान दर्ज करेगा. इसके लिए वो जल्द ही नोटिस जारी कर सभी को बयान के लिए तलब करेगा. अभी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. जांच और तथ्यों के आधार पर EOW अपनी आगे की कार्रवाई कर रहा है.

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